भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर रिसर्च एंड क्लीन (सीईआरसीए) में पराली के जलाने के मुद्दे पर शुक्रवार को एक कॉन्फ्रेंस के आयोजन किया गया। इसमें एक स्टडी के बारे में बताया गया जो हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुल 6800 गांव के 1 लाख 88 हजार लोगों पर की गई है।
एम्स, आइआइटी दिल्ली के डॉक्टरों और प्रोफेसर ने की है स्टडी
इन सभी 4 राज्यों के कुल 150 जिलों के इन गांवों में कई गई स्टडी में खुलासा हुआ है कि गेहूं की पराली जलाने के बाद इससे निकलने वाले धुंए की चपेट में आने से 40 से 50 साल के बीच की उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेनशन) की बीमारी बढ़ रही है। यह स्टडी एम्स के डॉक्टरों, आइआइटी दिल्ली के प्रोफेसर ने की है।