लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कांग्रेस में संकट बरकरार नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। 1बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और प्रियंका गांधी राहुल को मनाने में जुटे रहे।इस बीच बताया ये भी गया कि राहुल गांधी मान गए हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की बात मान ली है, लेकिन कुछ शर्तें भी रखी हैं। उनका कहना है कि वह एक कुछ वक्त तक इस पद पर रहेंगे जब तक कि दूसरा अध्यक्ष न चुन लिया जाए। हालांकि ये सिर्फ सूत्रों के हवाले से ही कहा जा रहा है।
इससे पहले राहुल को मनाने के लिए उनकी बहन और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट उनके घर पहुंचे।कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 12, तुगलक लेन पर सबसे पहले प्रियंका पहुंचीं। इसके बाद केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और पायलट पहुंचे। कुछ देर के बाद सुरजेवाला और पायलट वहां से चले गए। फिर गहलोत राहुल के आवास पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से मुलाकात से पहले गहलोत ने अलग से प्रियंका से मुलाकात की थी।गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाये को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी। वहीं, एक समाचार चैनल से पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि राहुल ने कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक शाम साढ़े चार बजे उनके घर पर होगी। सुरजेवाला ने कहा है कि राहुल पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे।इससे पहले कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को राहुल से उनके घर पर मिलने की कोशिश की, लेकिन राहुल ने मिलने से इनकार कर दिया। इन सबके बावजूद राहुल ने कहा कि अब पार्टी को गांधी परिवार से बाहर किसी और को अध्यक्ष चुन लेना चाहिए।वहीं, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने राहुल गांधी से फोन पर बात कर उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने की गुजारिश की। इस दौरान राहुल ने उन्हें तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की जीत पर बधाई दी। सोनिया गांधी ने भी उन्हें बधाई दी।राजस्थान में सभी 25 सीट हारने के बाद कांग्रेस में छिड़ी कलह के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे थे, लेकिन राहुल ने उनसे मुलाकात करने से इनकार कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने सुबह 11 बजे गहलोत को मिलने का अपॉइंटमेंट दिया था लेकिन फिर उनसे मिलने से इनकार कर दिया।राहुल गहलोत के पुत्रमोह पर भी नाराजगी जता चुके हैं, जिसके बाद गहलोत एआईसीसी संगठन के प्रमुख केसी वेणुगोपाल से चर्चा के बाद वापस लौट गए। राहुल ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा था कि गहलोत और कमलनाथ जैसे नेताओं ने अपने बेटों और रिश्तेदारों को टिकट दिलाने की जिद की और वो उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे।माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से अपनी जीत के बाद वहां के लोगों को धन्यवाद देने जाएंगे। वह अगले दो दिन के लिए वायनाड के दौरे पर जा सकते हैं। अमेठी में मिली हार के बाद राहुल का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है।हालांकि सूत्रों का कहना है कि राहुल के इस्तीफे को सीडब्लूसी ने अस्वीकार करते हुए कहा है कि उन्हें पार्टी में आवश्यक बदलाव करने की पूरी छूट है। इसके अलावा राज्य ईकाई भी इस बात का दबाव बना रही है कि राहुल इस्तीफा ना दें। यही कारण है कि राज्य ईकाइयों के प्रमुख पार्टी के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं।
राहुल गांधी को मनाने में जुटे कांग्रेस के बड़े नेता, दिनभर चला मेल-मुलाकात का दौर